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आज के डिजिटल युग में, सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराना नागरिकों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हुआ है। इसी दिशा में झारखंड सरकार ने झारभूमि पोर्टल की शुरुआत की है, जहां झारखंड के निवासी घर बैठे भूमि संबंधी जानकारी जैसे खतियान, केवाला, भू-नक्शा आदि का विवरण देख सकते हैं। यह पहल न केवल पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से की गई है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि नागरिकों को भूमि संबंधी जानकारी आसानी से और मुफ्त में उपलब्ध हो। यह लेख झारखंड खतियान ऑनलाइन देखने और डाउनलोड करने की प्रक्रिया, झारभूमि पोर्टल की उपयोगिता और इसके प्रमुख लाभों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। यदि आप झारखंड के निवासी हैं और अपनी या किसी अन्य भूमि का विवरण देखना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए पूरी जानकारी प्रदान करेगा।
झारखंड खतियान और भूमि रिकॉर्ड की महत्ता
भूमि रिकॉर्ड, जिसे खतियान या भूमि विवरण कहा जाता है, किसी भी जमीन की कानूनी और भौतिक स्थिति को दर्शाता है। इसे चेक करना हर उस व्यक्ति के लिए आवश्यक होता है जो जमीन खरीदने या बेचने की योजना बना रहा हो। खतियान से निम्नलिखित महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की जा सकती हैं:
- जमीन का प्रकार: यह जानकारी देता है कि जमीन कृषि भूमि है, ग्राम पंचायत की है, या बंजर भूमि है।
- जमीन का मालिक: खतियान से आप जमीन के असली मालिक का नाम पता कर सकते हैं।
- जमीन की सटीक माप: यह जमीन की लंबाई-चौड़ाई और आकार की जानकारी प्रदान करता है।
- कानूनी विवाद: किसी भी भूमि विवाद को पहचानने के लिए खतियान की जांच बेहद जरूरी होती है।
झारखंड सरकार द्वारा झारभूमि पोर्टल की शुरुआत से यह प्रक्रिया सरल हो गई है। आइए, इस पोर्टल का उपयोग कर झारखंड खतियान ऑनलाइन देखने का तरीका विस्तार से समझते हैं।
झारखंड खतियान ऑनलाइन देखने की प्रक्रिया
झारखंड खतियान ऑनलाइन देखने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
स्टेप 1: सबसे पहले अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर क्रोम ब्राउजर खोलें और झारखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट jharbhoomi.jharkhand.gov.in पर जाएं।
स्टेप 2: वेबसाइट के होम पेज पर बाईं ओर दिए गए विकल्पों में से “रजिस्टर-II देखें” का चयन करें।
स्टेप 3: यहां आपको झारखंड का District Map दिखाई देगा। नक्शे से अपने जिले का चयन करें। उदाहरण के लिए, अगर आपकी जमीन रांची जिले में है, तो “रांची” जिले पर क्लिक करें।
स्टेप 4: अब आपके सामने उस जिले का Block Map खुलेगा। यहां अपने ब्लॉक का चयन करें।
स्टेप 5: इसके बाद, एक फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपके द्वारा चुने गए जिले और ब्लॉक का नाम पहले से भरा होगा। अब आपको हल्का और मौजा का नाम चुनना होगा।
स्टेप 6: यहां आप अपनी जमीन की जानकारी देखने के लिए निम्न विकल्पों में से एक चुन सकते हैं:
- रैयत नाम से खोजें
- खाता नंबर से खोजें
- प्लॉट नंबर से खोजें
स्टेप 7: यदि आप “रैयत नाम से खोजें” का चयन करते हैं, तो उस जमीन के मालिक का नाम दर्ज करें। उसके बाद, कैप्चा कोड भरें और “सर्च” पर क्लिक करें। ध्यान दें:
- रैयत का नाम हिंदी या अंग्रेजी में दर्ज किया जा सकता है।
- यदि हिंदी में सर्च करने पर जानकारी न मिले, तो नाम को अंग्रेजी में दर्ज करें।
स्टेप 8: सर्च करने पर आपके सामने उस रैयत के नाम से संबंधित सभी जमीनों की सूची दिखाई देगी। यहां आप खाता संख्या, प्लॉट संख्या और पृष्ठ संख्या देख सकते हैं।
स्टेप 9: आप “देखें” विकल्प पर क्लिक करके जमीन का पूरा विवरण देख सकते हैं। एक पीडीएफ फाइल खुलेगी, जिसमें निम्न जानकारियां होंगी:
- खाता संख्या
- प्लॉट संख्या
- होल्डिंग संख्या
- थाना नंबर
- भूमि का प्रकार
स्टेप 10: इस पीडीएफ को डाउनलोड कर सकते हैं या इसका प्रिंट आउट निकालकर भविष्य के लिए सुरक्षित रख सकते हैं। झारभूमि झारखंड पोर्टल: डिजिटल युग में भूमि प्रबंधन की नई पहल आज के डिजिटल युग में, सरकारें अपने नागरिकों को सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करने के लिए नई-नई तकनीकों का सहारा ले रही हैं। झारखंड सरकार भी इससे अछूती नहीं है। झारभूमि झारखंड पोर्टल, जो झारखंड राज्य के भूमि रिकॉर्ड और अन्य संबंधित सेवाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराने का एक प्रमुख मंच है, इसी दिशा में एक बड़ी पहल है। यह पोर्टल झारखंड सरकार द्वारा राज्य के निवासियों को भूमि से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने और सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस लेख में हम झारभूमि झारखंड पोर्टल के हर पहलू पर विस्तार से चर्चा करेंगे, ताकि आपको इसके महत्व, उपयोगिता और इससे जुड़े लाभों की पूरी जानकारी मिल सके।
झारभूमि झारखंड पोर्टल क्या है?
झारभूमि झारखंड पोर्टल एक ऑनलाइन मंच है जहां झारखंड के नागरिक अपनी भूमि से संबंधित सभी जानकारी, जैसे कि खतियान, भू-नक्शा, जमीन का विवरण आदि, घर बैठे देख सकते हैं। इस पोर्टल को झारखंड सरकार ने डिजिटल भारत मिशन के तहत शुरू किया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान का हिस्सा है। पोर्टल को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है और यहां उपलब्ध जानकारी किसी भी थर्ड पार्टी के साथ साझा नहीं की जाती। यह पोर्टल झारखंड के हर नागरिक के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। इससे न केवल उन्हें सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत खत्म हुई है, बल्कि समय और धन की भी बचत हो रही है। अब, भूमि से जुड़े दस्तावेज़ों को देखने या उन्हें अपडेट कराने के लिए किसी बिचौलिए की आवश्यकता नहीं है। झारखंड के किसान, भूमिपति और सामान्य नागरिक इस पोर्टल का उपयोग करके अपनी भूमि से संबंधित हर जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
झारभूमि झारखंड पोर्टल की विशेषताएं
- खतियान और खसरा की जानकारी: इस पोर्टल पर खतियान और खसरा की जानकारी प्राप्त करना बेहद आसान है। बस कुछ चरणों का पालन करके आप अपने भूमि का पूरा विवरण देख सकते हैं।
- भू-नक्शा: झारखंड में किसी भी भूमि का नक्शा ऑनलाइन देखना अब संभव है। यह सुविधा न केवल भूमि मालिकों के लिए उपयोगी है, बल्कि उन लोगों के लिए भी है जो जमीन खरीदने या बेचने का विचार कर रहे हैं।
- ऑनलाइन भुगतान: झारभूमि पोर्टल के जरिए आप अपनी भूमि से जुड़े टैक्स, जैसे प्रॉपर्टी टैक्स, का भुगतान ऑनलाइन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शी और सरल है।
- अवैध कब्जा रोकने में मदद: इस पोर्टल के जरिए प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जों को रोकने में मदद मिल रही है। भूमि का डिजिटल रिकॉर्ड होने से किसी भी अनियमितता का पता लगाना आसान हो गया है।
- सुरक्षा: पोर्टल पर उपलब्ध सभी जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित है। झारखंड सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी थर्ड पार्टी आपकी जानकारी का दुरुपयोग न कर सके।
झारभूमि झारखंड पोर्टल की शुरुआत क्यों हुई?
झारभूमि पोर्टल की शुरुआत झारखंड सरकार द्वारा नागरिकों को सरल, पारदर्शी और किफायती सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। पहले, जमीन से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे, जिसमें न केवल समय बल्कि धन की भी बर्बादी होती थी। साथ ही, सरकारी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के कारण भ्रष्टाचार भी एक बड़ी समस्या थी। इन सभी चुनौतियों का समाधान झारभूमि पोर्टल के जरिए किया गया है। डिजिटल इंडिया अभियान के तहत इस पोर्टल को विकसित किया गया है। इसके माध्यम से झारखंड के हर नागरिक को डिजिटल सेवाओं का लाभ मिल रहा है। इसके अलावा, भूमि रिकॉर्ड्स को ऑनलाइन करने से न केवल पारदर्शिता बढ़ी है, बल्कि सरकार की कार्यक्षमता भी बेहतर हुई है।